भुवनेश्वर । भारी बारिश और 175 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार की प्रचंड हवाओं के साथ चक्रवाती तूफान ‘फोनी’ ने शुक्रवार को सुबह ओडिशा तट पर दस्तक दी। तूफान के कारण कई पेड़ उखड़ गए और झोपड़ियां तबाह हो गई। साथ ही मंदिर शहर पुरी के कई इलाके जलमग्न हो गए।
अत्यधिक प्रचंड चक्रवाती तूफान फोनी सुबह करीब आठ बजे पुरी पहुंचा। हालांकि पूर्व चेतावनी के कारण कम से कम 11 तटीय जिलों के निचले एवं संवेदनशील इलाकों से करीब 11 लाख लोगों को बृहस्पतिवार तक हटा लिया गया।
क्षेत्रीय मौसम विज्ञान केंद्र, भुवनेश्वर के निदेशक एच. आर. बिस्वास ने कहा, ‘‘चक्रवात सुबह करीब आठ बजे पुरी तट पर पहुंचा और चक्रवात के पहुंचने की प्रक्रिया पूरी होने में करीब तीन घंटे का समय लगेगा।’’
बिस्वास ने बताया कि चक्रवात का केंद्र करीब 28 किलोमीटर दूर है और वह 30 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से बढ़ रहा है। पुरी और आसपास के इलाकों में 175 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवा चल रही है जो 200 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार पर पहुंच सकता है।
विशेष राहत आयुक्त (एसआरसी) बी. पी. सेठी ने बताया कि चक्रवात के कारण गंजाम, पुरी, खोरधा और गजपति जैसे कई तटीय जिलों में प्रचंड हवा चल रही है।
उन्होंने बताया कि करीब 10,000 गांवों और 52 शहरी इलाकों से हटाए गए 11 लाख लोग 4,000 शिविरों में ठहरे हुए हैं जिनमें से विशेष रूप से चक्रवात के लिए बनाए गए 880 केंद्र शामिल हैं।
सेठी ने बताया कि विमान से गिराने के लिए एक लाख से अधिक भोजन के पैकेट तैयार किए गए हैं। इसके लिए दो हेलीकॉप्टर भेजने का अनुरोध किया गया है।
उन्होंने बताया कि राज्य के किसी भी हिस्से से किसी के हताहत होने की खबर नहीं है। सरकार किसी भी स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार है।
उन्होंने बताया कि राजधानी भुवनेश्वर में 140 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवा चलने की संभावना है।
भारतीय तटरक्षक बल ने विशाखापत्तनम, चेन्नई, गोपालपुर, हल्दिया, फ्रासेरगंज और कोलकाता में विभिन्न स्थानों पर 34 आपदा राहत टीमों को तैनात किया है। उसने किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए चार जहाजों को भी तैनात किया है।
भारतीय नौसेना ने भी राहत सामग्री और मेडिकल टीमों के साथ तीन जहाजों को भी तैनात किया है ताकि ओडिशा के तट पर चक्रवात के पहुंचने के बाद वह राहत अभियान शुरू कर सकते हैं।
नौसेना के प्रवक्ता कैप्टन डी के शर्मा ने बताया कि हवाई सर्वेक्षण के लिए कई विमानों को भी तैयार रखा गया है।
कैप्टन शर्मा ने कहा, ‘‘जरुरत पड़ने पर बचाव अभियान और राहत सामग्री गिराने के लिए हेलीकॉप्टरों को भी तैयार रखा गया है।’’
फोनी को सबसे खतरनाक चक्रवाती तूफान कहा जा रहा है। साल 1999 के सुपर चक्रवात में 10,000 लोगों की जान चली गई थी और उसने ओडिशा में जमकर तबाही मचाई थी।
ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने चक्रवात के दौरान लोगों से घरों में रहने की अपील की है और कहा कि लोगों की सुरक्षा के लिए सभी प्रबंध कर लिए गए हैं।
11 तटीय जिलों में सभी दुकानें, व्यावसायिक प्रतिष्ठान, निजी और सरकारी कार्यालय एहतियाती तौर पर बंद रहेंगे।