दिल्ली वाले साहब चले गए। उनके जाने का दर्द पता नहीं आप और हम कितना महसूस कर रहे हैं, लेकिन उन बच्चों का हाल जाने क्या होगा, जब उन्हें पता चलेगा कि उनके दिल्ली वाले साहब नहीं रहे। जंगल से दूर शहर की चकाचौंध और सुविधाओं से भरी ज़िंदगी में दो घंटे के लिए जंगल हो आना अलग बात है और पूरी ज़िंदगी वहां आदिवासी बच्चों के लिए काम करना अलग बात है। प्रो. पी.डी. खेरा ने अपनी पूरी ज़िंदगी अचानकमार, लमनी, छपरवा जैसे इलाकों के बच्चों का जीवन संवारने…
Day: September 23, 2019
आदिवासियों के लिए संघर्ष करने वाले दिल्ली यूनिवर्सिटी के रिटायर्ड प्रोफेसर पीडी खेड़ा का निधन
बिलासपुर. शिक्षाविद और समाजसेवी प्रोफेसर प्रभुदत्त (पीडी) खेड़ा का निधन हो गया। सोमवार को बिलासपुर के अपोलो अस्पताल में उन्होंने अंतिम सांसे ली। प्रोफेसर 93 साल के थे। अस्पताल में वह लंबे समय से इलाज करवा रहे थे। प्रो. खेड़ा ने बिलासपुर जिले में अचानकमार सेंचुरी एरिया के घने जंगलों में जिंदगी बिताई। यहां के लमनी गांव में वह कुटिया बनाकर रहा करते थे। दिल्ली विश्वविद्यालय के रिटायर्ड प्रोफेसर खेड़ा बैगा आदिवासियों के बीच रहकर उनकी शिक्षा पर काम किया करत थे। आए थे एजुकेशनल टूर पर, आदिवासियों की हालत…